कुछ देशों की यात्राएं जिनमें शामिल हैं: अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड, स्विटज़रलैंड, इटली, सिंगापुर, हाँगकाँग, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, संयुक्त अरब अमीरात, क्यूबा, अबू धाबी, सउदी अरब, बहरीन, थाइलैंड, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, दक्षिण कोरिया, पुर्तगाल, ओमान, जॉर्डन, फिजी, टर्की, अफग़ानिस्तान, सूडान, अर्जेंटीना, इसराइल, मलेशिया इंडोनेशिया, मंगोलिया, म्यंमार, मोजाम्बिक, तंज़ानिया और आयरलैंड आदि ।
‘नेशनल यूनिवर्सिटी केनबरा’ से मास्टर डिग्री के कोर्स के लिए वर्ष 2006 में ऑस्ट्रेलिया में दस महीने रहना हुआ ।
तीन दशकों के कार्यकाल के दरम्यान बड़ी संख्या में विदेशी भारतीयों (एनआरआई) एवं विदेश में बसे प्रोफेशनल्स से मिलना हुआ ।
बहुत सी वैश्विक संस्थाएं जिनमें विश्व बैंक एवं एशियाई विकास बैंक भी शामिल हैं, इनके साथ काम किया । टेक्नोलॉजी एवं वित्तीय निवेश बढ़ाने के लिए विशेष रूप से बड़ी विदेशी कंपनियों एवं उनके मुखियाओं के साथ काम किया । इन प्रयासों में भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना भी एक प्राथमिकता रही ।
विदेश यात्राओं के दरम्यान देश का पक्ष रखने एवं देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के तमाम प्रयासों की भरपूर तैयारी की जाती थी, जो माननीय प्रधानमंत्री जी का स्वभाव है ।
विशेष रूप से मेरा योगदान निम्न बातों के लिए हुआ करता थाः-
मैं व्यक्तिगत रूप से यह मानता हूँ कि पूरा विश्व एक ही है और मात्र एक ही सत्ता या शक्ति का अस्तित्व है ।